नई दिल्ली। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में बुधवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली. बारिश और ओलावृष्टि से तीर्थयात्रियों को ठंड का एहसास हुआ. दिनभर में कई बार बारिश और ओलावृष्टि हुई. इसके साथ ही पहाड़ों पर बर्फबारी भी शुरू हो गई है. यहां मंदिर के कई हिस्से में बर्फ गिरने से शाम होते-होते कड़ाके की ठंड पडऩे लगी. इसके कारण राजधानी दिल्ली में भी गुरुवार सुबह हल्की ठंड का एहसास हुआ. यहां के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई.वैसे तो बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में बुधवार सुबह धूप खिली थी, लेकिन दोपहर होते ही अचानक मौसम बदला और कुछ देर बाद ही यहां के पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो गई. इस दौरान भैरवनाथ मंदिर क्षेत्र, दुग्ध गंगा क्षेत्र, चोराबाड़ी ताल के ऊपरी पहाडिय़ों और हिमालय में जमकर बर्फबारी हुई. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 10 दिनों से सुबह और शाम के तापमान में गिरावट आ गई है. इस दौरान कुछ तीर्थयात्री बर्फबारी का लुफ्त उठा रहे थे, तो कुछ कड़ाके की ठंड में दुबके पड़े रहे. यहां अभी भी हल्के बादल छाए हुए हैं.वहीं दिल्ली में दिन के वक्त मौसम विभाग ने अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के साथ ही आसमान में बादल छाए रहने का पूर्वानुमान जताया है. जबकि सुबह और शाम के तापमान में लगातार गिरावट देखी जाएगी.दिल्ली में वायु की गुणवत्ता बहुत ही खराब स्थिति में पहुंच गई है और राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया है. वायु की गुणवत्ता खराब होने के लिए वाहनों के प्रदूषण, निर्माण गतिविधियों और मौसम संबंधी कई कारकों को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के और खराब होने का पूर्वानुमान लगाया है.
इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने बुधवार को कहा कि उपग्रह की नवीनतम तस्वीरें दिखा रही है कि खतरनाक स्तर परपराली जलाई जा रही है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए. अगर जल्द ही ऐसा नहीं किया गया तो दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम से जूझना पड़ेगा.कुछ दिनों पहले दिल्ली में हवा की गुणवत्ता के खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद सोमवार को एनवायरमेंट पॉल्यूशन (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी (ईपीसीए) और ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) लागू कर दिए गए थे. इनके तहत वायु गुणवत्ता को और बिगडऩे से रोकने के लिए कई उपाय अमल में लाए जाते हैं.ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने कहा, हम अधिकारियों को निर्देश देने जा रहे हैं कि वे दिल्ली के मुख्य स्थानों पर सख्त उपायों को लागू करें. हमारे पास वजीरपुर और द्वारका में भी कचरा जलाए जाने के साक्ष्य हैं और यह एक दूसरा मुद्दा है जो हम अधिकारियों के सामने उठाएंगे.